- महिलाएं योगी सरकार की प्राथमिकता में हैं अब
- नाइट ड्यूटी वाली महिलाएं अब कवच की सुरक्षा में
- नाइट ड्यूटी करने पर दोगुनी तनख्वाह भी मिलेगी
- रात की शिफ्ट में फुल सुरक्षा की गारंटी भी मिलेगी
- इस दौरान वे सीसीटीवी की निगरानी में रहेंगी
प्रवीण द्विवेदी,वीकली आई न्यूज़
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को शायद बिहार से चुनाव में जीत का फार्मूला मिल गया है। इसी कारण यूपी की महिलाएं भी इस समय सरकार की प्राथमिकता में आ गई हैं। योगी कैबिनेट ने उन्हें लुभाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। इसी कारण यूपी में अब नाइट शिफ्ट में काम कर वाली महिलाओं को दोगुनी सेलरी देने का फैसला लिया गया है। इस दौरान उनकी सुरक्षा की फुल गारंटी होगी। इसके लिए योगी सरकार ने कवच मिशन शुरू करने का फैसला किया है। यानी यूपी में अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव और उसके बाद 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर महिलाओं की बल्ले-बल्ले होने वाली है।
बिहार में हाल में संपन्न हुए मतदान में बढ़ती महिलाओं की भागीदारी और उनके बढ़ते वोट प्रतिशत ने योगी सरकार को भी जीत का एक स्थाई मंत्र दे दिया है। बिहार में महिलाओं के नीतीश कुमार के प्रति बढ़ते समर्थन से प्रेरणा लेकर सीएम योगी ने भी उन्हें लुभाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने तय किया है कि अब यूपी में महिलाओं को पूर्ण सुरक्षा व सम्मान का बोध कराया जाए। इसके लिए योगी सरकार ने ‘कवच’ मिशन शुरू किया है। इसके तहत महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट में काम के लिए कुछ नये नियम तय किए गए हैं। इसके अंतर्गत योगी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण को नई दिशा देने वाला ऐतिहासिक फैसला लिया है। नयी व्यवस्था के तहत अब राज्य की महिलाएं अपनी मर्जी से नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी, परंतु इसके लिए उन पर कोई दबाव नहीं डाला जाएगा। योगी सरकार ने ऐसा महिलाओं के लिए ‘कवच’ नामक विशेष पहल शुरू की है। इसमें रात की ड्यूटी करने वाली महिलाओं को सुरक्षा, दोगुना वेतन और अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। नए आदेशों के अनुसार, राज्य की महिलाएं अब शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक काम कर सकती हैं, पर इसके लिए उनकी लिखित सहमति आवश्यक होगी। और अगर वे नाइट शिफ्ट में काम की लिखित सहमति देती हैं तो ऐसी महिलाओं को दोगुनी मजदूरी भी दी जाएगी। इसके अलावा उनकी सीसीटीवी से निगरानी, सुरक्षित परिवहन सुविधा और प्रशिक्षित सुरक्षा गार्ड की गारंटी भी दी जाएगी।
इसके साथ ही, महिलाएं बिना रुकावट लगातार 6 घंटे तक भी काम कर सकेंगी, ताकि वे थोड़ा जल्दी घर जा सकें। महिलाओं की ओवरटाइम की सीमा भी अब 75 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे प्रति तिमाही कर दी गई है। और इसका भुगतान डबल वेज रेट पर किया जाएगा। योगी सरकार ने ये नियम 29 श्रेणियों के खतरनाक उद्योगों में भी लागू किए हैं। ऐसे में अब महिलाएं उन क्षेत्रों में भी काम करेंगी, जहां पहले अनुमति नहीं थी।
योगी सरकार की यह पहल महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षा, सम्मान और समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। ऐसे में महिलाएं करियर में और अधिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता हासिल कर सकेंगी। सूत्रों का कहना है कि बिहार में महिलाओं की नीतीश कुमार के प्रति बढ़ते समर्थन को देखते हुए योगी सरकार ने भी यूपी की महिलाओं को लुभाने की कोशिश में ये कदम उठाया है। बिहार में नीतीश कुमार की लोकप्रियता का आलम यह है कि बीते विधानसभा चुनाव के मतदान में बिहार की महिलाओं में पुरुषों से 9% अधिक मतदान किया है। पुरुषों ने जहां सिर्फ 62 फीसद के आसपास वोटिंग की है, वहीं महिलाओं ने 71 फीसदी के आसपास मतदान किया है। बताया जाता है कि महिलाओं का ये बढ़ा मत प्रतिशत नीतीश कुमार को लाभ देगा। चुनाव प्रचार के दौरान भी बिहार की महिलाओं की बात चीत का रुझान नीतीश कुमार के पक्ष में ही देखा गया। इसका कारण यही कहा जाता है कि नीतीश कुमार ने महिला कल्याण के लिए बहुत काम किया है। चाहे शराबबंदी हो, भाई बहिन योजना हो, महिला पेंशन हो या फिर व्यवसाय शुरू करने लिए दी गई 10 हजार रुपए की अहेतुक सहायता। इन सभी ने नीतीश कुमार को महिला वोटरों के बीच हीरो बना दिया है।
ऐसे में सूत्र बताते हैं कि यूपी में 2026 में होने वाले पंचायत चुनाव और उसके बाद 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए अभी से महिला वर्ग को लुभाने की कोशिश शुरू हो गई है। बताते हैं कि अभी तो यह शुरुआत है, आने वाले दिनों में महिलाओं के लिए और भी कल्याणकारी स्कीमों की घोषणा हो सकती है। मतलब बिहार के बाद यूपी की महिलाएं भी सरकार की प्राथमिकता में आ गई हैं। अर्थात अब उन पर योगी सरकार की सुदृष्टि पड़ गई है।
