- दोहरी नागरिकता के चक्कर में भारतीय नागरिकता और रायबरेली से सांसदी भी है दांव पर।
- नेता प्रतिपक्ष पर ब्रिटेन का भी नागरिक होने का आरोप जो भारतीय नागरिकता को खत्म करता है।
वीकली आई न्यूज़, अभयानंद शुक्ल
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 21 अप्रैल सोमवार को केंद्र सरकार को आखिरी मौका देते हुए कहा कि वे 5 मई तक बताएं कि राहुल गांधी ब्रिटेन के भी नागरिक हैं या नहीं। हाईकोर्ट कोर्ट में पेश की गई स्टेटस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हुआ।
21 अप्रैल सोमवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि राहुल गांधी ब्रिटिश हैं या नहीं, इसकी रिपोर्ट 10 दिन में दीजिए। मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार 21 अप्रैल को सुनवाई हुई। भाजपा कार्यकर्ता विग्नेश शिशिर की याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार द्वारा पेश स्टेटस रिपोर्ट को अपर्याप्त मानते हुए और सरकार को और स्पष्ट जवाब देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि ये मामला राष्ट्रीय महत्व का है और इसमें देरी स्वीकार्य नहीं होगी। इस पर केंद्र सरकार ने जवाब देने के लिए और समय मांगा। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) सूर्यभान पांडेय ने बताया कि राहुल की तरफ से कोई वकील कोर्ट में पेश नहीं हुआ। इससे पहले लखनऊ हाईकोर्ट में बीते 24 मार्च को सुनवाई थी। जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था, हालांकि सरकार ने 8 सप्ताह का समय मांगा था। इस पर 21 अप्रैल सुनवाई की तारीख तय हुई थी।

19 दिसंबर, 2024 को जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) सूर्यभान पांडेय को केंद्रीय गृह मंत्रालय से जानकारी हासिल करने का निर्देश दिया था। गृह मंत्रालय ने हाईकोर्ट में बताया था कि उन्होंने यूके सरकार को लेटर लिखा है। इसके अलावा दिल्ली हाईकोर्ट में भी राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर कुछ ऐसा ही मामला चल रहा है। इस मामले में वादी भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी हैं। राहुल पर दोहरी नागरिकता रखने के आरोप मुकदमा भी चलाया जाना चाहिए।
