- लखनऊ खंडपीठ ने सम्बंधित विभाग के सचिव को एफिडेविट देने या व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का दिया है निर्देश
- अधिवक्ता मोतीलाल यादव द्वारा दायर की गई इस जनहित याचिका पर अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी
अभयानंद शुक्ल,वीकली आई न्यूज़
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जातीय रैलियों पर यूपी सरकार से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने जातीय रैलियों को लेकर राज्य सरकार से स्पष्ट जवाब न मिलने पर नाराजगी जताई है।
हाईकोर्ट ने संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव को तीन दिन में शपथ पत्र दाखिल करने या व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का भी निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 30 अक्टूबर को होगी। ये आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति राजीव भारती की पीठ ने एडवोकेट मोतीलाल यादव की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।
हाईकोर्ट ने कहा कि जब 21 सितंबर 2025 को शासनादेश जारी कर राजनीतिक उद्देश्य से जातीय रैलियों पर रोक लगा दी गई है, तो शपथ पत्र दाखिल करने में क्या समस्या है। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से इस मामले में साफ-साफ जवाब मांगा है कि आदेश अनुपालन में क्या कार्रवाई हुई है।
उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की एकल पीठ के 16 सितंबर के आदेशों के अनुपालन में राज्य में जातीय रैलियों और इससे सम्बन्धित बैनर पोस्टर पर पाबंदी लगा दी गई है।
