अभयानंद शुक्ल(लखनऊ)
नेत्रजा, अर्थात परमपिता ब्रह्मा के नेत्रों से निकली पावन सरयू नदी। वही सरयू नदी जिसे प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या की सहगामिनी बनने का सौभाग्य प्राप्त है। वही नेत्रजा फिर रविवार को रामोत्सव पर अपने भाग्य पर इतरा रही थी। उसके किनारे पर रामनवमी का भव्य मेला जो लगा था। इस बार नेत्रजा के किनारे जो नजारा था वह देखने लायक, अलौकिक और अद्वितीय था। नजारा ऐसा था कि किसी का भी मन मोह ले, क्योंकि प्रदेश की योगी सरकार इसको लेकर बहुत संजीदा है। भाजपा का कहना है कि हम चुनाव हारें या जीतें, अयोध्या हमारे दिल में बसती है। इसलिए न तो हम नेत्रजा को भूल सकते हैं, न अयोध्या को और न ही श्री राम को।
इस बार तो रामनवमी पर श्री राम के सूर्य तिलक का नजारा देखने के लिए पूरे देश और दुनिया के निगाहें लगी हुई थी। दोपहर 12:00 बजे से लेकर लगभग 4 मिनट दिखा यह दृश्य अलौकिक था। इसको मंदिर में सीधे देखना अद्भुत था। इसके अलावा इसे देखने के लिए लोगों की निगाह टीवी पर लगी हुई थी। जानकारी के अनुसार यह व्यवस्था अगले बीस साल तक के लिए की गई है। इसके अलावा इस दिन राम नगरी पहुंचे भक्तों पर पावन सरयू मैया के जल का छिड़काव भी ड्रोन के जरिए किया गया। इस जल से तृप्त होने की श्रद्धालुओं में होड़ लगी हुई थी।

बीते लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा के पिछड़ने विशेषकर अयोध्या/फैजाबाद सीट पर भाजपा की हार के बाद विपक्ष ने आशंका व्यक्त की थी कि भाजपा अब इसकी उपेक्षा करेगी और विकास कार्य प्रभावित होंगे। परंतु योगी सरकार ने विपक्ष की आशंकाओं को दरकिनार करते हुए विकास कार्य न सिर्फ जारी रखा है बल्कि तेज भी कर दिया है। राम मंदिर का निर्माण कार्य भी और तेज गति से चल कर अंतिम चरण में है। इसी क्रम में योगी सरकार ने तय किया कि इस बार के रामनवमी को और भव्य बनाया जाएगा। अनुमान के अनुसार रामनवमी के दिन राम नगरी में 20 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे।
सीएम योगी के विजन के अनुसार रामोत्सव पर रविवार को अयोध्या अपनी अलौकिक आभा से दमक रही थी। प्रदेश सरकार ने धार्मिक पर्यटन को और भी धमाकेदार बनाने के लिए अयोध्या के साथ काशी में भी इलेक्ट्रिक नावों की सवारी की व्यवस्था की थी। राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से सीएम योगी के विकास के विजन को पंख लग गये हैं। अब यहां देश-विदेश से आने वाले सैलानियों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी रामनवमी भव्यता के साथ मनाएंगे।
अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी कई गुना बढ़ गयी है। योगी सरकार उनको कम खर्च में अधिक से अधिक सुविधाएं देने की कोशिश कर रही है। चुनाव जीतने के बाद समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया था कि हारने के बाद भाजपा अब अयोध्या से अपना ध्यान हटा देगी, क्योंकि जनता ने उसके राजनीतिक एजेंडे को खत्म कर दिया है। किंतु भाजपा ने विपक्ष को ऐसा कोई मौका अभी तक नहीं दिया है जिसके चलते वह भाजपा पर अयोध्या की अनदेखी का आरोप लगा सके।
राम की नगरी अयोध्या को दक्षिण के राज्य तमिलनाडु की संस्कृति से भी जोड़ने की कोशिश है, ताकि दक्षिण भारत के श्रद्धालुओं को भी आकर्षित किया जा सके। इसीलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों यहां राम नाथ स्वामी मंदिर महा कुंभाभिषेक व प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लिया। राम मंदिर कार्यशाला में स्थापित इस दक्षिण भारतीय शैली के महादेव के शिवलिंग का पूजन व अर्चन करने के साथ सीएम योगी ने प्रदक्षिणा भी की। सीएम ने रामनाथ स्वामी मंदिर की स्थापना को एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प को समृद्ध करने वाला प्रयास बताया। बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण रामेश्वरम के मंदिर की तर्ज पर उसके अनुकृति के रूप में किया गया है।

इस प्रकार अयोध्या और श्रीराम अब भी भाजपा और योगी आदित्यनाथ की सरकार के एजेंडे में हैं। भाजपा यहां हारे या जीते अयोध्या का विकास नहीं रुकेगा। जानकार बताते हैं कि अयोध्या तो भाजपा का पहला प्यार है। इस मुद्दे को लेकर ही भाजपा की राजनीतिक गाड़ी आगे बढ़ी है। इसलिए भाजपा न तो अयोध्या को छोड़ने वाली है और न ही श्रीराम को। वैसे भी लोगों का मानना है कि योगीराज में दीपावली पर दीपोत्सव का कार्यक्रम साल दर साल दीपों की संख्या का रिकॉर्ड बनाता जा रहा है। साथ ही हर साल उसकी भव्यता भी बढ़ती जा रही है। ऐसे में नेत्रजा का भी इतराना स्वाभाविक ही है।
