- पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आजम खां के बसपा में जाने की अटकलें
- बसपा के बलिया से विधायक उमाशंकर सिंह ने कहा, उनका पार्टी में स्वागत
- विधायक ने कहा कि आजम खां के बसपा में आने से बसपा और मजबूत होगी
वीकली आई न्यूज़, अभयानंद शुक्ल
लखनऊ। फिलहाल कानूनी कार्रवाइयों, अदालतों और जेल के चक्कर में फंसे समाजवादी पार्टी के बड़े नेता आजम खां के बारे में खबर है कि वे कभी भी बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम सकते हैं। इन अटकलें को बल तब मिला जब बसपा के विधायक उमाशंकर सिंह ने ये बयान दे दिया कि आजम खां का पार्टी में स्वागत है। इसके बाद से ही चर्चाओं का बाजार गर्म है, और दोनों ही पार्टियों में बेचैनी बढ़ गई है। अगर ये खबर अंजाम तक पहुंचती है, तो प्रदेश में बड़े सियासी बदलाव का कारण बन सकती है। इससे सपा से बड़ी तादाद में मुस्लिम मतदाता बहुजन समाज पार्टी में शिफ्ट हो सकता है। यानी आकाश आनंद काम पर लग गए हैं, और उनके ससुर जी ने भी कमाल दिखाना शुरू कर दिया है।
समाजवादी पार्टी में अपनी उपेक्षा से परेशान और पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव की बेरुखी से दुखी पूर्व मंत्री आजम खां के बारे में सूचना है कि उनका अब पार्टी से मोह भंग हो गया है, वे कभी भी कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं। बीच-बीच में उनके पार्टी छोड़ने और भाजपा की ओर जाने के संकेत मिल रहे थे। सूत्र बताते हैं कि उन्हें कांग्रेस से भी ऑफर था, लेकिन वे कांग्रेस की स्थिति देखकर उधर जाने को तैयार नहीं थे। दूसरा कारण यह भी था कि कांग्रेस भी शायद अखिलेश यादव से रिश्ते बिगाड़ कर इस ओर बहुत सक्रियता से नहीं बढ़ पा रही थी। ऐसे में आजम खां के सूत्रों ने बसपा में चर्चा की और शायद बात बनती नजर आ रही है। वैसे अगर इतिहास पर गौर करें तो आजम खां का मायावती से 36 का आंकड़ा रहा है, लेकिन राजनीति में एक सूत्र काम करता है कि राजनीति समीकरणों का खेल और आवश्यकताओं का मेल है। जब जैसी जरूरत होती है, लोग उसी हिसाब से कदम उठाते हैं।
बताते हैं कि आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को बसपा से इसी अपराध में निकाला गया था, कि वे समाजवादी पार्टी से गठबंधन करना चाहते थे, और मायावती को यह बिल्कुल पसंद नहीं थी। बताते हैं कि सपा से गठबंधन तोड़ने के बाद सपाइयों से मायावती की जान को खतरा हो गया था। वह तो भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी ने समय पर स्टेट गेस्ट हाउस पहुंचकर उनकी जान बचा ली थी। तभी से सपा से मायावती के रिश्ते खराब हो गए थे। इसी कारण वे सपा का नाम सुनते ही भड़क जाती थीं, परंतु समय सब करा देता है। शायद मायावती को आजम की और उनको मायावती की इस समय ज्यादा जरूरत है। एक ओर मायावती जहां अपने छिटकते मुस्लिम वोट बैंक को लेकर परेशान हैं, वहीं आजम खां अपने राजनीतिक वजूद को लेकर चिंतित हैं। इसलिए दोनों का साथ आना संभव हो सकता है।
इधर बहुजन समाज पार्टी के सूबे में एकमात्र विधायक उमाशंकर सिंह ने भी एक बयान देकर राजनीतिक तहलका मचा दिया है। उन्होंने कहा कि आजम खां का पार्टी में स्वागत है। एक कार्यक्रम में बलिया के खनवर में आए बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने कहा कि आज़म खां के बसपा में आने से पार्टी और मजबूत होगी। उमाशंकर ने मायावती के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि उस वक्त अल्पसंख्यक समाज को काफी अधिकार-सम्मान मिला था। आज़म खां के मायावती पर भरोसे की सराहना करते हुए विधायक ने कहा कि ये कदम यूपी की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है। उनसे पूछा गया था कि क्या आजम खां बसपा में आने वाले हैं। इसी सवाल के जवाब में उन्होंने यह बात कही थी। बलिया जिले के एक यूट्यूब चैनल पर चलाई गई ये खबर राजधानी लखनऊ के विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सोमवार को चर्चा का विषय बनी रही।
हालांकि बसपा विधायक उमाशंकर सिंह से अभी इस बारे में संपर्क नहीं हो पाया है। किंतु इस खबर को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। इस खबर के इतना वायरल होने के बावजूद विधायक उमाशंकर सिंह की तरफ से हुई कोई खंडन या नकारात्मक प्रतिक्रिया अभी तक नहीं प्राप्त हुई है। ऐसे में यहां मौनम् स्वीकार लक्षणम् का सिद्धांत लागू होता है। पार्टी के एक बड़े जिम्मेदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पार्टी स्तर पर अभी ऐसा कुछ भी नहीं चल रहा है। उन्होंने कहा कि विधायक उमाशंकर सिंह क्या कहते हैं, ये उनका अपना मामला है, हम इस पर कुछ नहीं कह सकते। उन्होंने आगे कहा कि हो सकता है कि ये विधायक का पासिंग रिमार्क हो। उन्होंने फिर कहा कि अभी तक पार्टी स्तर पर इस बारे में कोई चर्चा नहीं है।
