- पहली का गम भुलाने को दूसरी लाए, चल नहीं पाए
- सुहागरात की सुबह ही दूल्हे के प्राण पखेरू उड़ गए
- दूसरी शादी के लिए बेच डाली पांच बिस्वा जमीन
- परिस्थितियां संदिग्ध, गांव में चर्चाओं का बाजार गर्म
अभयानंद शुक्ल, वीकली आई न्यूज़
लखनऊ। पहली पत्नी का गम भुलाने के लिए 75 वर्षीय बुजुर्ग ने 35 साल की महिला से शादी की, लेकिन सुहागरात के दूसरे दिन ही प्राण पखेरू उड़ गए। ये कोई फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में घटी एक सच्ची घटना है। बुजुर्ग शादी के लिए इतना आतुर था उसने शादी के खर्चे के लिए ₹500000 में 5 बिस्वा जमीन भी बेच दी। फिर भी वह शादी का सुख नहीं ले पाया।
बताया जाता है कि वह अपनी पहली पत्नी को बहुत प्यार करता था और दोनों हमेशा साथ ही रहे। पत्नी की मौत हो जाने के बाद वह एक साल तक परेशान रहा। और इसी गम को गलत करने के लिए उसने 35 साल की महिला से दूसरी शादी की थी, जिसके तीन बच्चे भी हैं। वह शादी के लिए इतना आतुर था कि उसने उसके तीनों बच्चों के पालन पोषण का जिम्मा भी ले लिया, लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था।
पूरे मामले में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शादी करने के बाद भी पहली रात नयी पत्नी अपनी बेटी के साथ अलग सोई और पति अपनी नयी पत्नी के दो बेटों के साथ अलग सोया। इसलिए शादी की कहानी हजम नहीं हो रहीं। सही स्थिति क्या है ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा। जबकि दूसरी ओर मनोवैज्ञानिक इस मौत को लैंगिक विप्रयास का परिणाम भी बता रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जौनपुर जिले में घटी इस अनोखी घटना में नयी पत्नी ये भी कहती है कि वे दोनों काफी देर तक बातें करने के बाद सोने गए थे। इस मामले में पुलिस के दो अधिकारी मौत का कारण अलग-अलग बता रहे हैं। इलाके के सीओ का कहना है कि संगरू राम की मौत ब्रेन हेमरेज से हुई है, जबकि एसओ का कहना है कि की मौत शॉक लगने से हुई है, जैसा उसने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया है। जानकारी के अनुसार सुहागरात के दिन ही मौत के आगोश में समा गए संगरू राम अपनी दिवंगत पत्नी को बहुत चाहते थे। उनकी मौत हो जाने के बाद उम्र के इस पड़ाव पर भी बेचैन रहने लगे। वर्षों संग रहने के बाद जब अकेले की जिंदगी काटने को दौड़ने लगी तो अंततः संगरू राम ने निर्णय लिया कि वे दोबारा विवाह करेंगे। इस आशा से उन्होंने दुल्हन खोजनी शुरू की। और मनभावती से बात आगे बढ़ने पर दोनों ने पहले कोर्ट मैरिज की और उसके बाद मंदिर में हिंदू रीति रिवाज से शादी कर ली। मनभावती के मुताबिक, रात में वह बेटी को लेकर अंदर सोने चली गई, जबकि संगरू राम दो बेटों के साथ बाहर सो गए। भोर में उनकी तबीयत खराब हो गई और गर्दन टेढ़ी हो गई थी। यह देख पड़ोसी उसे अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
संगरू राम के भतीजे रोजगार के सिलसिले में दिल्ली में रहते हैं। उनको जानकारी मिली तो उन्होंने अंतिम संस्कार रोकवाया और पोस्टमार्टम के लिए कहा। परिजनों के अनुसार संगरू राम ने शादी के लिए अपनी पांच बिस्वा जमीन पांच लाख रुपये में बेची थी। मनभावती का भी यह दूसरा विवाह था। केराकत के सीओ अजीत सिंह का कहना है कि उनकी मौत ब्रेन हैमरेज से हुई है। वहीं गुरुवार को जारी हुई पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण शाक या अचानक से कोमा में जाने की बात, गौरा बादशाहपुर के थाना प्रभारी प्रवीण यादव ने बताई। हालांकि, पुलिस ने विवेचना के बाद ही बाकी स्थिति स्पष्ट होने की बात कही है। पर इस मौत की कहानी और परिस्थितियों को देखकर यही लगता है कि जैसा मामला दिख रहा है, वैसा है नहीं। जो भी हो सच्चाई जांच के बाद ही सामने आ पाएगी।
उधर सुहागरात के दिन ही 75 वर्षीय बुजुर्ग की मौत के बाद भतीजों ने आशंका व्यक्त की है कि उसके चाचा की हत्या की गई है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। मामला गौरा बादशाह पुर थाने के कुछकुछ गांव का है। इसको लेकर गांव में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। संगरू राम के कोई संतान नहीं थी और वे अकेले ही खेती करके जीवन यापन कर रहे थे। उनके भाई और भतीजे दिल्ली में रहकर कारोबार करते हैं। गांव वालों के मुताबिक, संगरू राम पिछले कुछ दिनों से दूसरी शादी करने की बातें कर रहे थे। लोगों ने उन्हें बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने। उन्होंने जलालपुर थाना क्षेत्र की रहने वाली 35 वर्षीय मनभावती से कोर्ट मैरिज करने के बाद मंदिर में शादी रचाई। उनकी पहली शादी से दो बेटे और एक बेटी है। मनभावती ने बताया कि संगरू राम ने मुझसे कहा था कि तुम बस मेरा घर संभाल लेना, बच्चों की जिम्मेदारी मैं उठाऊंगा। उसने बताया कि शादी के बाद हम रात में देर तक बातें करते रहे, और सोने चले गए। और सुबह संगरू राम की तबियत अचानक खराब हो गई और अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद गांव में सनसनी फैल गई।
प्रथमदृष्टया मामला लैंगिक विप्रयास का : सुधीर राय
मामले के मनोवैज्ञानिक कारणों के बारे में जब अयोध्या के सुप्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक और साकेत पीजी कालेज के प्रोफेसर सुधीर राय से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह मामला प्रथमदृष्टया लैंगिक विप्रयास का लगता है। ऐसे मामलों में कोई व्यक्ति अपने जीवन साथी या सेक्स पार्टनर के साथ लगातार रहने के कारण सेक्स का लती हो जाता है। और बुढ़ापे में उसकी सेक्स करने की क्षमता कम हो जाती है लेकिन उसका मन नहीं भरता है। ऐसे में वह इधर-उधर के प्रयास करने लगता है। और जब डिजायर पूरी होने की बारी आती है तो वह अतिरेक में झटका झेल नहीं पाता है, और दुर्घटना हो जाती है। इस मामले में भी चूंकि संगरू राम लगातार 74 वर्ष तक अपने पार्टनर के साथ रहे तो वे सेक्स के लती हो गये होंगे। फिर एक साल का गैप आया तो वे इसे बर्दाश्त नहीं कर पाए और ऐन-केन प्रकारेण उन्होंने शादी की। ऐसे में हो सकता है कि जब समय आया हो तो डिजायर पूरा करने के अतिरेक में उनको झटका लगा हो और उनकी मौत हो गई हो। क्योंकि पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में झटका या आघात की बात कही गई है। जहां तक गर्दन टेढ़ी होने की बात है तो ऐसा तो बिजली का झटका लगने से ही हो सकता है। ऐसे में पोस्ट मार्टम रिपोर्ट को भी आधार मानकर जांच आगे बढ़ाना सही रहेगा। पर लैंगिक विप्रयास भी मौत का एक कारण हो सकता है। क्योंकि एक साल बाद मुराद पूरी होने के जोश का अतिरेक भी 75 साल की उम्र में खतरनाक हो सकता है।
