सौरभ चटर्जी,वीकली आई न्यूज़
कुवैत में पिछले कुछ महीनों में लगभग 42,000 लोगों की नागरिकता छीन ली गई है. यह कार्रवाई नए अमीर, 84 वर्षीय मिशाल अल-अहमद अल-जाबेर अल-सबाह के नेतृत्व में शुरू हुई, जिन्होंने दिसंबर 2023 में सत्ता संभाली थी. सरकार का कहना है कि कुवैत में अब सिर्फ असली कुवैती ही रहेंगे, जिनका ब्लड रिलेशन यहां से है. यह नीति उन विदेशियों को निशाना बनाती है जिन्होंने अवैध रूप से कुवैती नागरिकता हासिल की.
अमीर का सख्त रुख
अमीर ने एक स्पीच में कहा था कि कुवैत में रहने वाले करीब 50 लाख लोगों में से एक तिहाई ही असली कुवैती हैं. ऐसे में अगस्त के बाद से हज़ारों की संख्या में लोगों की नागरिकता रद्द की गई है, जिनमें 26 हज़ार वे महिलाएं हैं, जिन्होंने शादी के बाद यहां की नागरिकता ली थी. ये कुवैत की आधिकारिक रिपोर्ट है, जबकि असल संख्या इससे भी ज्यादा होने की आशंका है. नए अमीर शेख मेशाल अल अहमद अल सबाह ने दिसंबर, 2023 में अमीर बनने के बाद ही संसद को भंग कर दिया और संविधान के कुछ हिस्सों को भी सस्पेंड कर दिया.
