- मेला प्रबंध समिति ने इसके लिए प्रशासन से किया आग्रह।
- सुन्नी वक्फ बोर्ड को भी दी गई है सूचना, निर्देश का इंतजार।
अभयानंद शुक्ल, वीकली आई न्यूज
बहराइच के सैय्यद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर लगने वाले जेठ मेले की अनुमति न मिलने से मेले पर फिलहाल रोक लग गई है। रोक के बाद दरगाह प्रबंध समिति ने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड से सम्पर्क कर दिशा निर्देश मांगा है। प्रशासन को भी पत्र लिखकर आने वाले जायरीनों को नियंत्रित करने का निवेदन किया है। मेला प्रबंध समिति का कहना है कि चूंकि मेले की घोषणा बसंत पंचमी के दिन हुई मीटिंग में ही हो गया था, इसलिए जायरीन आ सकते हैं।
मेला प्रबंध समिति अध्यक्ष वकाउल्ला का कहना है कि वक्फ बोर्ड का जैसा दिशा निर्देश होगा उसके अनुसार सूचना दी जायेगी। इसके बाद प्रबंध समिति ने मेले में आने वाले जायरीनों को रोकने या नियंत्रित करने में असमर्थता व्यक्त करते हुए प्रशासन से ही बन्दोबस्त करने की मांग की है।
बहराइच में सैय्यद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर लगने वाले जेठ मेले की अनुमति न देकर प्रशासन ने रोक लगा दी है। ज्ञात हो कि यहां पर प्रतिवर्ष एक माह का मेला लगता है, जिसमें जियारत के लिए बड़ी संख्या में जायरीन आते हैं। संभल और मुरादाबाद में सालार गाजी से जुड़े नेजा मेले पर रोक के बाद विभिन्न हिंदू संगठन अब इस स्थान को भी
सूर्य कुण्ड और बालार्क ऋषि का आश्रम मानते हैं। वे सैय्यद सालार मसूद गाजी को विदेशी आक्रांता बताते हुए मेले का विरोध पहले से ही करते आ रहे हैं। इन संगठनों का कहना है कि कालान्तर में सैय्यद सालार मसूद गाजी और महाराजा सुहेलदेव में भीषण युद्ध हुआ था। इस युद्ध में मसूद गाजी मारा गया। आरोप है कि उस समय के मुस्लिम शासकों ने बाद में बालार्क ऋषि के आश्रम के स्थान पर मजार और दरगाह बना दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ भी समय-समय पर मसूद गाजी की आलोचना करते रहे हैं।
इस बीच प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी 2 फरवरी बसंत पंचमी के दिन दरगाह में लगने वाले मेले में दरगाह प्रबंध समिति ने जेठ मेला 15 मई से 15 जून तक लगाने की घोषणा की थी। लेकिन एलआईयू की रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन ने अनुमति न दिए जाने का फैसला लिया और इसकी सूचना दरगाह प्रबंध समिति को दे दिया। जिसके बाद प्रशासन के इस फैसले से मेले की तैयारी पर रोक लगा दी गई है। अब दरगाह प्रबंध समिति अध्यक्ष ने कहा है कि मेले की तैयारी नहीं की जा रही है। दुकान, शो या गेम्स के लिए कोई रसीद नहीं काटी गई है।

मेला प्रबंध समिति द्वारा प्रशासन को लिखे पत्र में कहा गया है कि चूंकि मेले की तारीख पहले ही घोषित हो चुकी है तो ऐसी दशा में मेले के समय यदि जायरीन आते हैं तो उन्हें रोकने की व्यवस्था प्रबंध समिति नहीं कर पाएगी। इसके लिए पुलिस बल की जरूरत होगी। इस पत्र में सबसे महत्वपूर्ण बात ये कही गई है कि सैय्यद सालार मसूद गाजी की दरगाह शरीफ वक्फ संस्था है। इसका संचालन उत्तर प्रदेश सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा किया जाता है। मेले के सम्बन्ध में वक्फ बोर्ड से भी सम्पर्क किया गया है। बोर्ड के जैसे निर्देश होंगे उसकी सूचना दी जाएगी। इस तरह अब मेले का मामला सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के निर्देश पर भी टिका है। हालांकि प्रशासन के रुख को देखते हुए मेला लगने की उम्मीद न के बराबर है।
