मुसलमानों को इस कानून से बिल्कुल भी डरने की जरूरत नही है: डा० इंद्रेश कुमार
वीकली आई न्यूज़, अभयानंद शुक्ल (लखनऊ)
बीते दिनों स्थानीय प्रेस क्लब में हुई एक सभा में राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने एक स्वर से नए संशोधित संशोधन वक्फ कानून का समर्थन किया। वक्ताओं ने कहा कि यह कानून सभी मुसलमानों विशेषकर पसमांदा और गरीब मुसलमानों के लिए फायदेमंद है। और हम इस कानून के लिए मोदी सरकार के शुक्रगुजार हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संघ के अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष इंद्रेश कुमार रहे।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच उत्तर प्रदेश (मध्य क्षेत्र) की बैठक का आयोजन सोमवार 21 अप्रैल को लखनऊ के प्रेस क्लब में क्षेत्रीय संयोजक डा० शौकत और क्षेत्रीय संगठन संयोजक आलोक चतुर्वेदी के नेतृत्व में किया गया। इसमें मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक डा० इन्द्रेश कुमार मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए और कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया ।
कार्यक्रम की शुरूआत मोहम्मद अबरार की कुरआन पाक की तिलावत से हुई। इस मौके पर राष्ट्र गीत वन्दे मातरम का गायन एडवोकेट शहनाज़ फातिमा, आयशा खान, फातिमा, कहकशां, नसरीन ने किया । कार्यक्रम का संचालन लखनऊ हाईकोर्ट की एडीशनल गवर्नमेंट एडवोकेट नुसरत जहां ने किया । मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक सैयद रजा हुसैन रिज़वी ने अपने संबोधन में कहा कि इस मंच के सिवा दुनिया में कोई और मंच नही है जिसमें हर मसलक के लोग हैं । राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल ने कहा कि अल्लाह हमें सीधे रस्ते पे चलने की दावत देता है। मौलाना इरफान ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह कानून गरीबों के उत्थान के लिए है। इसलिए हम इसका समर्थन करते हैं। संगठन के राष्ट्रीय संयोजक इस्लाम अब्बास ने कहा कि यह कानून मुसलमानों के फायदे के लिए है। आमंत्रित सदस्यों ने हाथ उठाकर वक़्फ़ संशोधन कानून का समर्थन किया।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक डॉ इंद्रेश कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत वसुधैव कुटुंबकम् के सिद्धांत को मानने वाला देश है I मंच ने यह सिद्ध कर दिया है कि हम सामाजिक और धार्मिक बंधन से उपर उठकर, केवल मानवता की सेवा में विश्वास रखते हैं ।
इस कानून से जहाँ अल्पसंख्यक कल्याण का नया अध्याय शुरू होगा वहीँ वक़्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन, उसकी सुरक्षा एवं मुस्लिम समाज के सशक्तिकरण में मील का पत्थर होगा । वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग, मुस्लिम समाज के उत्थान और सामाजिक सेवा के कार्यों में क्रन्तिकारी बदलाव ला सकता है ।
इस मौके पर उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं में प्रमुख रूप से श्री हारून रशीद, बजहुल क़मर सिद्दीकी, डॉ. सुशील कुमार पांडे, सत्यप्रकाश शर्मा, अमित कुमार, बिलाल, अल्तमश, रामराज सिंह, सर्वेंद्र गुप्ता, आदि उपस्थित रहे
